उत्तर भारत के मैदान का विभाजन तथा विस्तार (3)

उत्तर भारत के मैदान हिमालयन नदियों द्वारा इंडियन प्लेट के गर्त में अवसादो के निक्षेपण से निर्मित हुआ है I हिमालय और दक्षिण प्रायद्वीप पठार के मध्य नदियों की निक्षेपण से निर्मित जलोढ़ मिट्टी के जमाव से बने मैदान को सिंधु , गंगा , ब्रह्मपुत्र का मैदान कहते हैं l

इसका विस्तार पूर्व से पश्चिम 3200 कि.मी लंबा और उत्तर से दक्षिण 150 – 300 कि.मी चौड़ा है I
निर्माण प्रक्रिया के आधार पर
निर्माण प्रक्रिया के आधार पर उत्तर भारत के मैदान 4 वर्गों में बटा हैं –
- खादर
- बांगर
- तराई
- भावर
खादर :- खादर क्षेत्र नदियों के बिल्कुल नजदीक की भूमि होती हैं यह नए जलोढ मृदा के जलाव से बना मैदान होता है इसपर प्रत्येक वर्ष बाढ़ का पानी पहुच जाता हैं और नई मृदा का जमाव निरन्तर होता रहता हैं , यह अत्यंत उपजाऊ भूमि होती हैं I
बांगर:- यह पुरानी जलोढ मृदा से निर्मित भूमि होती हैं यहां नदियों के बाढ़ का पानी कभी-कभी आता है या नहीं आता है I
उत्तर भारत के मैदान का प्रादेशिक विभाजन
- गंगा का मैदानी भाग
- पंजाब का मैदानी भाग
- असम/ब्रह्मपुत्र का मैदानी भाग
- राजस्थान का मैदानी भाग
गंगा का मैदानी भाग
गंगा के मैदानी भाग उत्तर भारत के मैदान का मुख्य हिस्सा है इसे तीन भागों में बांटा गया हैं l
उत्तरी गंगा का मैदान :- इसकी उत्तरी सीमा शिवालिक पहाडियों द्वारा तथा दक्षिणी सीमा प्रायद्वीप पठार द्वारा बनती हैं इसका अधिकतम विस्तार पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हैं यह तराई हिस्से में आता है तथा यहा गन्नां और गेहूं की फसल होती हैं। यहाँ की मिट्टी रेतीली होती हैं।
मध्य गंगा का मैदान :- मध्य गंगा के मैदान का विस्तार पूर्वी उत्तर प्रदेश से उत्तरी बिहार (अवध से मगध) तक विस्तृत हैं यहां अत्यंत उपजाऊ भूमि हैं तथा कपास , चावल , गन्ना आदि की खेती अधिक मात्रा में होती हैं यहां बाढ़ की अधिकता हैं I
निम्न गंगा का मैदान :- निम्न गंगा का मैदान मुख्य रूप से पश्चिम बंगाल में विस्तृत हैं यह हिमालय की तलहटी से लेकर गंगा की डेल्टा तक फैला हैं यह मुख्य रूप से खादर भूमि का हिस्सा है तथा यहां डोमट तथा चिकनी मिट्टी के कारण जुट अधिक उत्पादित किया जाता हैं I
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पंजाब का मैदानी भाग
पंजाब के मैदानी भाग मुख्य रूप से पंजाब की नदियों से निर्मित है इसमें दोआब का निर्माण होता हैं I

व्यास तथा सतलज नदी के मध्य – विस्ट दोआब
व्यास तथा रावी नदी के मध्य – बारी दोआब
रावी तथा चिनाब नदी के मध्य – रचना दोआब
चिनाब तथा झेलम नदी के मध्य – चाझ दोआब
झेलम तथा सिंधु नदी के मध्य – सिंधु सागर दोआब
असम/ब्रह्मपुत्र का मैदानी भाग
असम या ब्रह्मपुत्र का मैदान मेघालय पठार और हिमालय पर्वत के मध्य एक पतला और लंबा मैदान हैं इसका निर्माण ब्रह्मपुत्र नदी के कारण होता हैं I
राजस्थान का मैदानी भाग
राजस्थान का मैदानी भाग अरावली के पश्चिम मरूस्थल में फैला हैं l यहाँ प्याल झीले या लवणीय झील मिलती हैं I
जैसे :- सांभर झील , डिडवाना झील , कुचामन झील , पंचपद्रा झील , लुणकरणसर तथा डेगाना आदि झीलें मिलती हैं l
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