भारत के प्रायद्वीप प्रदेश Peninsular Region (4)
प्रायद्वीप प्रदेश (Peninsular Region)
वह भूखण्ड जिसका अधिकतम हिस्सा जल से घिरा हो उसे प्रायद्वीप प्रदेश (Peninsular Region) कहते हैं भारतीय प्रायद्वीप प्रदेश (Peninsular Region) के चट्टान प्राचीन गोंडवाना लैंड का हिस्सा है I भारत का 48% भूभाग प्रायद्वीप प्रदेश (Peninsular Region) का हिस्सा है l

प्रायद्वीप प्रदेश (Peninsular Region) को कई हिस्सों में विभक्त किया गया हैं —
अरावली पर्वत
विश्व की सबसे प्राचीनतम वलित पर्वत तथा अपशिष्ट पर्वत हैं यह अहमदाबाद के पालनपुर से दिल्ली रिज तक 750 कि.मी लंबा हैं राजस्थान में इसका विस्तार 550 कि.मी हैं I
राजस्थान के माउंट आबू पर्वत पर गुरु शिखर (1722 मीटर) इसकी सबसे ऊँची चोटी हैं दिलवाया का जैन मंदिर इसकी सबसे ऊँची चोटी हैं l
विंध्याचल पर्वत
विंध्याचल पर्वत ब्लाक पर्वत श्रृंखला हैं इसका विस्तार गुजरात से बिहार के सासाराम तक हैं , कालूनर चोटी/ गुडविल चोटी इसकी सर्वोच्च चोटी हैं l
सतपुड़ा पर्वत श्रेणी
सतपुड़ा पर्वत श्रेणी नर्मदा तथा ताप्ती नदियों के मध्य स्थित है इसकी सर्वोच्च चोटी धूपगढ (1350 मीटर) हैं ताप्ती नदी के दक्षिण में हरिश्चंद्र , सतमाला तथा अजंता पहाड़ी हैं I
प्रायद्वीपीय पठार
प्रायद्वीपीय पठार गोंडवाना लैंड का हिस्सा है इसकी औसत ऊँचाई 700 – 900 मीटर है I यह एक अनियमित त्रिभुजाकार आकृति हैं यह दिल्ली से कन्याकुमारी तक फैला हुआ है I इसके उत्तर में अरावली , विंध्याचल पर्वत तथा सतपुड़ा पर्वत स्थित है I
मालवा पठार
मालवा पठार अरावली तथा विंध्याचल पर्वत के मध्य हैं चंबल नदी यहां की प्रमुख नदी हैं l
बुंदेलखंड पठार
बुंदेलखंड पठार विंध्याचल क्षेत्र के उत्तर पूर्व में फैला हुआ मैदानी भाग हैं यहां नर्मदा नदी अपर्दन करके मुख्य रूप से प्रवाहित होती हैं l
छोटानागपुर पठार
छोटानागपुर पठार का विस्तार झारखंड , ओडिशा , पश्चिम बंगाल तथा बिहार में हैं , इसे भारत का रूर कहते हैं l छोटानागपुर पठार की सबसे ऊंची चोटी पारसनाथ हिल हैं जो जैन धर्म का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है I
छोटानागपुर पठार को दामोदर नदी दो हिस्सों में (रांची पठार तथा हजारीबाग पठार) बांटती हैं , दामोदर नदी को बंगाल का शोक कहते हैं स्वतंत्र भारत का पहला परियोजना 1948 ई. में दामोदर नदी घाटी परियोजना था जो अमेरिका के टेनेसी नदी पर आधारित है I
दंडकारण्य पठार
दंडकारण्य पठार मध्यवर्ती भारत में छत्तीसगढ़ , उड़ीसा , आंध्रप्रदेश , तेलंगाना तथा महाराष्ट्र में स्थित है , यह एक उबर – खाबड पठार हैं जो नक्सली प्रभावित क्षेत्र हैं I
दंडकारण्य पठार में छत्तीसगढ़ में बस्तर का पठार हैं यहां टिन धातु का भंडार है तो उड़ीसा के कोरापुट , कालाहांडी तथा बोलानगीर में बॉक्साइट के भंडार है l
दक्कन का पठार
नर्मदा नदी के दक्षिण मे त्रिभुजाकर रूप में प्रायद्वीप प्रदेश (Peninsular Region) का सबसे बड़ा पठार हैं दक्कन का पठार बेसाल्ट लावा से निर्मित होने के कारण काली मृदा से सम्पन्न है l
दक्कन पठार को तीन हिस्सों में बांटा गया हैं –
- महाराष्ट्र पठार
- आन्ध्र पठार
- कर्नाटक पठार
महाराष्ट्र पठार :- महाराष्ट्र पठार में काली मृदा की अधिकता होने के कारण बिना सिचाई किये कपास की खेती की जाती हैं। गोदावरी तथा कृष्णा नदी महाराष्ट्रा पठार से बहती हैं I
आंध्रा पठार :- आन्ध्रा पठार को कृष्णा नदी दो हिस्सों (तेलंगाना पठार तथा रायल सीमा पठार) में बांटती हैं I
कर्नाटक पठार :- कर्नाटक पठार से कृष्णा , तुंगभद्रा तथा कावेरी नदी बहती हैं , इसके बीच से समुच्चय रेखा निकालती हैं l
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